टायफॉइड एक संक्रामक रोग है जिसे मियादी बुखार या मोतिझार के नाम से भी जाना जाता है,यह साल्मोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया से फैलने वाली एक बहुत खतरनाक बीमारी है जो दूषित पानी और खाद्य-पदार्थों के साथ -साथ संक्रमित व्यक्ति केजूठे खाद्य-पदाथों के खाने या पीने के द्वारा हमारे शरीर में चला जाता है।
इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का तापमान/ temprature 104° फारेनहाइड तक पहुँच जाता है।
इसे आंत्र ज्वर भी कहा जाता है,इसमें आंत सूज जाती है तथा लिवर कमजोर पड़ जाता है,इसके अतिरिक्त टायफॉइड में तेज बुखार के साथ पेट दर्द,सिर दर्द,उल्टी,थकान,काम में मन न लगना,भूख कम लगना और स्वाद में भी बदलाव महसूस होना आदि समस्याएं पैदा होने लगती है।
टायफॉइड पाचनतंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से होता है।पाचनतंत्र में पहुँचकर इस बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है।और शरीर के अन्दर ही यह बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँच जाता है।यह बैक्टीरिया पानी या सुखे मल में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं।
टायफॉइड के लक्षण )symptoms of typhoid(
टाइफाइड में बुखार आना तो स्वाभाविक है लेकिन इसके अतिरिक्त भी कुछ symptoms नजर आते है जो की निम्न है -
- सामान्यतः टायफॉइड से ग्रसित व्यक्ति को 102-104° से ऊपर बुखार रहता है।
- संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ भूख का कम होते जाना जिससे वजन घट जाता है।
- मांसपेशियों में दर्द होना।
- सिर दर्द की समस्या।
- अधिक कमजोरी होना।
- इस रोग से पीडित व्यक्ति को सुस्ती एवं आलस्य का अनुभव होना।
- दस्त तथा कब्ज की समस्या होना।
- डायरिया की समस्या।
- शरीर में वेदना होना।
- शरीर में चकते पड़ना।
- अधिक ठण्ड महसूस होना।
- टायफॉइड में कभी- कभी मल त्याग करते समय रक्त स्त्राव होने लगता है यहाँ तक की यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
टायफॉइड से बचने के उपाय )how to prevent typhoid(
जैसे हमने बताया कि दूषित पानी और खाना टायफॉइड का मुख्य कारण होता है,इसलिए आहार एवं जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती है। आइये जानते हैं कि टायफॉइड होने पर आहार और जीवनशैली में कैसे बदलाव करें-
आहार में बदलाव
- तीव्र गंध वाली चीजों जैसे प्याज लहसून आदि से दूर रहें।
- अधिक रेशेदार खाना जैसे-केला,पपीता,शकरकन,साबुत अनाज आदि का सेवन ना करें।
- मक्खन, घी,पेस्टी, तले-भुने हुए आहार,मिठाइयां आदि इन सभी चीजों के सेवन से जितना हो सके दूर रहिये।
- मशालेदार भोज्य पदार्थ जैसे कि मिर्च,सॉस,सिरका आदि का सेवन बिल्कुल भी न करें।
- बाहर की चीजों को खाने से बचें।
- गैस बनाने वाले आहार के सेवन से बचें जैसे-कटहल,अनानास आदि।
- मांसाहारी भोजन न करें।
- भूख से थोड़ा कम खाएं।
- सिगरेट, कॉफी, चाय और शराब का सेवन न करें।
- भारी भोजन से बचें
- ऐसे भोजन से परहेज करें जो देर से पचता हो।
जीवनशैली में बदलाव
- आयुर्वेद के अनुसार हेल्दी लाइफ-स्टाइल के लिए लाइफ-स्टाइल में बदलाव बहुत जरूरी है-
- उचित स्वच्छता बनाए रखना बहुत आवश्यक है।
- अपने हाथों को गर्म साबुन युक्त पानी से बार-बार धोएं।
- साफ उबला पानी पिएं या केवल बोतल बंद पानी का सेवन करें।
- जैसे हमे ज्ञात है यह एक संक्रामक रोग है इसलिए संक्रमित व्यक्तियों को घरेलू कार्यों से दूर रखने के साथ-साथ संक्रमित व्यक्तियों को अपने बर्तन और भोजन किसी से भी न बांटे।
- संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं को उचित प्रकार से स्वछ रखें।
- कच्चे आहार के सेवन से बचें।
- उचित तरीके से पक्के भोजन को गरमा-गरम ही खा लें।
- घर की वस्तुओं को नियमित रूप से साफ रखें।
- संग्रहित खाद्य-पदार्थों से बचें।
- अधिकांश गर्म खाद्य-पदार्थों का ही सेवन करें।
- इसके अतिरिक्त दूध पियें, सेब,पपीता व चीकू का सेवन करें और मूंग की दाल का पानी या पतली मूंग की दाल खायें। ये इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है।
टायफॉइड से बचने के घरेलू उपाय
टायफॉइड से राहत दिलाने में उपयोगी दादी- माँ के नुस्खे-
आपको ज्ञात होगा कि टायफॉइड की जो भी एलोपैथिक दवा होती है वो बहुत ही खतरनाक होती है जिससे आदमी का पूरा सिस्टम ही बैठ जाता है, इसलिए हम आपको कुछ इस प्रकार के उपाय बता रहें हैं जिससे आप इस खतरनाक बीमारी से आसानी से छुटकारा पा स कें-
1 मुनक्का अंजीर और खूबकला का काढा - 1-2 ग्राम खूबकला,4-5 अंजीर और 8-10 मुनक्का की चटनी या काड़ा बनाकर सुबह-शाम खिलाएं। ये ratio बड़ो के हिसाब से है यदि बच्चे इस समस्या के शिकार हैं तो 1ग्राम खूबकला,2 मुनक्के ओर 1-2 अंजीर का ही इस्तेमाल करें।
नोट:- ध्यान रहे मुनक्के के बीज अवश्य निकाल दें। इस नुस्खे का सेवन करने से यह सिद्ध हुआ है कि इससे मियादी बुखार 5 दिन में खत्म हो जाता है तथा 7-8 दिन में रोग से पीड़ित व्यक्ति एकदम फ्रेश हो जाता है।
2 टायफॉइड में उपयोगी गिलोय - आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी के रूप में प्रसिद्ध गिलोय में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे टायफॉइड के लिए जिमेदार बैक्टीरिया कमजोर पड़ जाते हैं।इसलिए टायफॉइड से छुटकारा पाने में गिलोय को महत्वपूर्ण माना जाता है।
3 रोग निवारक तुलसी - तुलसी के कुछ पत्तों में केसर और पाँच दाने काली मिर्च के मिलाके पीस लें और इस मिश्रण को एक गिलास पानी में मिलाकर घोल तैयार कर लें।इस घोल का सेवन दिन में तीन बार करने से टायफॉइड कम हो जाता है। ये टायफॉइड के लिए बहुत ही उत्तम औषधि मानी जाती है क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ-साथ मियादी बुखार के दुबारा आने की सम्भावना/chances को भी कम करते हैं।
इसके अतिरिक्त तुलसी की 20 पत्तियां और अदरक का पेस्ट गर्म पानी में मिक्स करके एक घोल तैयार कर लें अपनी इच्छानुसार इसमें शहद भी मिला सकते हैं इसे दिन में तीन बार लेने से यह बुखार उतर जाता है।
4 टायफॉइड में उपयोगी पीपल की छाल - आपको पीपल की छाल लेनी है और उसे काट लेना है अब आप एक बड़े बर्तन में 2 लीटर पानी लें और इसमें छाल डाल दें और इसे ढ़क दें इसे तब तक पकाना है जब तक कि ये 2 लीटर पानी 1 लीटर न रह जाए,इसके पश्चात इसे छान लें।
खाना-खाने के एक घण्टे बाद हवा रहित स्थान पर इसका सेवन करें ध्यान रहे यदि आपको पानी पीना है तो लगभग आधा घण्टे पहले ही पी लें इसका सेवन करने के बावजूद किसी भी ठंडी वस्तु का उपयोग न करें।
इसका सेवन करने के उपरान्त रजाई ओढ़ के मुँह अन्दर ढककर आपको 30-40 मिनट तक सोना है,जिससे कि आपको बहुत ज्यादा पसीना आयेगा जितना पसीना आयेगा उतना ही लाभदायक है और आपका टायफॉइड पसीने के साथ निकल जायेगा। यदि आपको ऐसा लगे कि रजाई के अन्दर दम घुट रहा है तो आवश्यकतानुसार मुँह बाहर निकाल दें और फिर रजाई के अंदर कर लें।
जब आपका शरीर बहुत ज्यादा गर्म हो जाए और बहुत ज्यादा पसीना आ जाये तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि एकदम से बाहर न आयें वरना आपकी बॉडी ठंडी-गर्म हो जाएगी।इसलिए आपको आराम से रजाई से बाहर निकलना है और 15-20 मिनट तक कमरे के अन्दर ही रहना है, आप कमरे के बाहर आ सकते हैं और अब आप काली चाय जिसमें कि आपको नींबू का भी उपयोग करना है का सेवन करें।सुबह-शाम यही process करनी है।पीपल छाल की टायफॉइड में फायदा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
5 टायफॉइड में फायदेमंद फलों का रस - टायफॉइड जैसे रोग अक्सर डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं, इसलिए रोगी को कुछ समय बाद तरल पदार्थों जैसे - ताजे फलों का रस,हर्बल चाय,पानी आदि का सेवन करना चाहिए। क्योंकि जब हमारे शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होती है तो शरीर में मौजूद टॉक्सिन शोच के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। उचित तरीके से उबला हुआ पानी ही पिएं और ध्यान रहे बाहरी खाने से परहेज करें।
6 मियादी बुखार में उपयोगी अदरक और पुदीने की औषधि - एक कप पानी में 1 चम्मच पुदीने की पत्ती का पेस्ट और एक चम्मच अदरक का पेस्ट मिलाके घोल तैयार कर लें, इस घोल को सुबह-शाम पीने से टायफॉइड कम हो जाता है। क्योंकि पुदीने में एंटीबायोटिक तत्व होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
7 ठण्डे पानी की पट्टी - टायफॉइड से पीड़ित व्यक्ति को high फीवर रहता है और ऐसे में रोगी के शरीर का temprature/तापमान सामान्य रखना जरूरी है,इसके लिए आपको रोगी के माथे,पैर और हाथों पर ठण्डे पानी की पट्टियाँ रखनी चाहिए जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है।
8 सेब का रस - टायफॉइड की समस्या में सेब का रस आसानी से निजात दिला सकता है इसके लिए सेब के जूस में अदरक का रस मिलाकर सेवन करना चाहिए जिससे आपको राहत मिल सके।
9 दालचीनी - थोड़ी सी अदरक,तुलसी के पते,दालचीनी और काली मिर्च को पानी में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से टायफॉइड में राहत मिलती है।
10 टायफॉइड में उपयोगी शहद - एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुणों से भरपूर शहद को गुनगुने पानी में एक चम्मच मिलाकर पीने से आपको राहत मिलेगी।
11 लोंग - टायफॉइड में लोंग और सेंधा नमक मिलाकर खाएं।
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Good news sir
ReplyDeleteKya Nuske Ha Bhai Va re va, Nice
ReplyDeletethanks
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